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लेखनी कहानी -31-May-2022 भेदभाव

भेदभाव तो मन का भाव है 
जो दे जाता हरदम घाव है 
राजा और प्रजा में भेदभाव 
अमीर गरीब , शासक शोषित 
चारों वर्णों में भेदभाव 
वर्णों में भी जातियों में भेदभाव 
बेटे बेटी में भेदभाव 
बेटी और बहू में भेदभाव 
धर्म के आधार पर भेदभाव 
भाषा , प्रांत में भेदभाव 
विकसित विकासशील का भेद
गोरा और काला का भेद 
दानव, देवता का भेद 
हर जगह नजर आता भेद 
इसी से उपजता असंतोष 
जो पैदा करता है अति रोष 
फिर या तो महाभारत होता है 
या फिर कोई विश्व युद्ध  ।
यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है 
परिवार,  समाज के लिये घातक है 
सरकार को इससे बचना चाहिए 
भेदभाव छोड़ समान समझना चाहिए 
काश, ऐसा हो जाए 
तो यह धरा स्वर्ग बन जाये 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
31.5.22 


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9 Comments

Neelam josi

02-Jun-2022 01:53 AM

बहुत खूब

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Rajeev pandey

01-Jun-2022 09:36 AM

👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

01-Jun-2022 07:35 AM

बेहतरीन👌👌

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